Sunday, January 18, 2009

Life and death

जीवन और मृत्यु


एक जानवर की देखी मैंने तस्वीर थी,
मेरे हाथों में उसकी तकदीर थी,
एक तीर चला दिया मैंने,
टूटी हुई जीवन रेखा उसके हाथों की लकीर थी.

मर गया वोह मेरे क़दमों में ,
खो गया वोह मेरी यादों में,
सामने निकला वोह एक रात,
हो गया मुझसे उसदिन अपराध

बदकिस्मती में आती हैं मुश्किलें सभी,
मरना था उसे कभी कभी,
अपनानी पड़ेगी मुझे यह कड़वी सच्चाई,
नहीं हो पायेगी मेरे दिल की भरपाई

मानना पड़ेगा यही सच है,
मारा है जो वह एक गज है,
छोड़ दिया चलाना तीर मैंने आज से,
अमर हो गया वोह पेच्ली रात से

अपराध करके पा लिया मैंने अंजाम,
शायद यही है जीवन मृत्यु का नाम.

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